The smart Trick of shiv chalisa in hindi That No One is Discussing
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे shiv chalisa in hindi मोहि चैन न आवै॥
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
Whosoever features incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with adore and devotion, enjoys content contentment and spiritual bliss On this earth and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removed the struggling of all and grants them eternal bliss.
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र